पणजी, गोवा: Goa Medical College (GMC) में सोमवार को उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से काम बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस विरोध की वजह बनी — एक जूनियर डॉक्टर के साथ कथित तौर पर CMO और गोवा के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई बदसलूकी और अपमानजनक व्यवहार।
डॉक्टरों का आरोप है कि एक आपातकालीन केस के दौरान हुई असामान्यता को लेकर एक जूनियर डॉक्टर को न सिर्फ डांटा गया, बल्कि सार्वजनिक रूप से अपमानित भी किया गया। Health Minister Vishwajit Rane और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) पर आरोप है कि उन्होंने डॉक्टर को ‘अयोग्य’ कहकर मानसिक उत्पीड़न किया।
डॉक्टरों की प्रतिक्रिया:
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा,
“यह सिर्फ एक डॉक्टर की नहीं, पूरे मेडिकल समुदाय की गरिमा का सवाल है। जब तक हमें लिखित माफ़ी और निष्पक्ष जांच का आश्वासन नहीं मिलता, हम OPD सेवाएं नहीं देंगे।”
मरीजों पर असर:
इस विरोध के चलते कई ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए हैं और OPD सेवाएं बाधित हैं। मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा।
सरकार की प्रतिक्रिया:
स्वास्थ्य मंत्री Vishwajit Rane ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“मामले को बड़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है। हम जल्द ही इसपर चर्चा करेंगे और समाधान निकालेंगे।”
हालांकि डॉक्टरों ने इस बयान को अपर्याप्त बताते हुए स्पष्ट कार्रवाई और माफ़ी की मांग की है।
Goa Medical College की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि भारत के स्वास्थ्यकर्मियों को सिर्फ संसाधनों की नहीं, सम्मान और सहयोग की भी ज़रूरत है। यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि कार्य संस्कृति पर भी सवाल है।