पिछले कुछ समय से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने एक नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में यूक्रेन द्वारा रूस के सैन्य ठिकानों पर किए गए ड्रोन हमले, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’, ने रूस को भारी नुकसान पहुंचाया। इस हमले में यूक्रेन ने 117 सस्ते FPV ड्रोन्स का उपयोग करके रूस के पांच सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें 41 रूसी युद्धक विमान, जैसे A-50, Tu-95, और Tu-22M3 बॉम्बर्स को नष्ट करने का दावा किया गया। इस हमले ने रूस को लगभग 7-10 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इसे अब तक का सबसे लंबी दूरी का हमला करार दिया।
रूस की प्रतिक्रिया
यूक्रेन के इस अभूतपूर्व हमले के बाद रूस ने कड़ा रुख अपनाया और प्रतिशोध की चेतावनी दी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले को ‘पर्ल हार्बर’ जैसा करार देते हुए इसे रूस की सैन्य शक्ति पर एक बड़ा आघात बताया। रूस ने जवाबी कार्रवाई के तहत यूक्रेन के कई शहरों, जैसे डोनेट्स्क, खार्किव, ओडेसा, सुमी, चेर्निहिव, द्निप्रो और खेरसॉन पर 103 ड्रोन्स और एक बैलिस्टिक मिसाइल से हमले किए। इन हमलों में यूक्रेन में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और खार्किव में चार बच्चे घायल हुए। रूसी वायु सेना ने दावा किया कि उन्होंने यूक्रेन के कई ड्रोन्स को मार गिराया, लेकिन नुकसान को पूरी तरह रोक पाने में असमर्थ रहे।
रूस के सुपर हथियारों का सवाल
रूस के पास अवनगार्ड, जिरकॉन, बुरेवेस्तनिक, पोसाइडन और सरमत जैसे अत्याधुनिक ‘सुपर हथियार’ हैं, जो परमाणु और हाइपरसोनिक क्षमताओं से लैस हैं। हालांकि, पुतिन ने इन हथियारों का उपयोग अभी तक यूक्रेन युद्ध में नहीं किया। विश्लेषकों का मानना है कि इन हथियारों का उपयोग तीसरे विश्व युद्ध को भड़का सकता है, जिससे रूस के सहयोगी देश, जैसे चीन और भारत, भी नाराज हो सकते हैं। इसके अलावा, पुतिन इस युद्ध को लंबा खींचना चाहते हैं ताकि यूक्रेन और उसके सहयोगी देश थक जाएं।
शांति वार्ता पर असर
यूक्रेन का यह हमला तुर्की के इस्तांबुल में प्रस्तावित शांति वार्ता से ठीक पहले हुआ, जिससे वार्ता की संभावनाएं धूमिल हो गईं। रूस ने इस हमले को बातचीत को कमजोर करने की कोशिश करार दिया। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रूस अब और आक्रामक रुख अपना सकता है, जिसमें क्रूज मिसाइलों और ड्रोन्स के साथ बड़े पैमाने पर हमले शामिल हो सकते हैं।
यूक्रेन की रणनीति और भविष्य
यूक्रेन ने इस हमले के जरिए दिखा दिया कि वह सस्ते और प्रभावी ड्रोन्स के साथ रूस की सैन्य शक्ति को चुनौती दे सकता है। यूक्रेन अब ड्रोन निर्माण में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है, जिसने 2024 में 22 लाख ड्रोन बनाए। यह तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता यूक्रेन को युद्ध में एक नया आत्मविश्वास दे रही है। हालांकि, रूस की जवाबी कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि युद्ध अभी और गहरा सकता है।
रूस और यूक्रेन के बीच यह तनाव वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। नाटो और अन्य प西方ी देशों ने यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखा है, जबकि रूस ने इन देशों पर सख्त प्रतिबंधों की चेतावनी दी है। इस युद्ध का भविष्य अभी अनिश्चित है, लेकिन यह स्पष्ट है कि दोनों पक्ष अपनी रणनीतियों को और तेज करने में जुटे हैं।