भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 की शुरुआत तक देश में कुल सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या लगभग 4,866 तक पहुँच चुकी थी, जिसमें मध्य प्रदेश अकेला कुल 30 सक्रिय मामलों की स्थिति में था। हाल ही की अवधि में देश में प्रतिदिन लगभग 564 नए मामले सामने आ रहे हैं, जबकि 679 व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं और लगभग 51 लोगों की जान भी जा चुकी है। यह स्पष्ट संकेत है कि संक्रमण फिर से बढ़ रहा है—और सरकार इसी स्थिति में सक्रियता से टीकाकरण को आगे बढ़ा रही है।
टीकाकरण की दर में कैसे बदलाव आया?
1. नवीनतम आयु वर्गों को शामिल किया गया
- मध्य प्रदेश ने 15-18 आयु वर्ग में लगभग 4.19 मिलियन (41.9 लाख) लोगों को पहली डोज दी, जबकि 12-14 आयु वर्ग में 2.41 मिलियन (24.1 लाख) बच्चों को वैक्सीन दी गई।
- अब 13‑14 लाख ऐसे लोग हैं जो पहले 15‑18 वर्ग का हिस्सा थे, लेकिन अब वयस्क वर्ग में आ गए हैं—इसलिए उन्हें भी वयस्क टीकाकरण अभियान के अंतर्गत शामिल किया जा रहा है।
2. जनरल एवं बूस्टर डोज पर जोर
- सरकार द्वारा पहले ही स्वीकृत नेजल कोविड वैक्सीन (iNCOVACC) को बूस्टर डोज के रूप में शामिल किया गया है — इसे नाक के माध्यम से दिया जाता है, जिससे प्रतिरक्षा तुरंत बढ़ती है।
- इसका मूल्य कोविन प्लेटफ़ॉर्म पर ₹800 है, जबकि सरकारी खरीद मूल्य ₹325 प्रति खुराक रखा गया है।
नए स्ट्रेन (JN.1) और सावधानियाँ
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में JN.1 उप-वेरिएंट का प्रसार देखा गया — जिसके चलते राज्य सरकारों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्किंग अनिवार्य की और रैंडम टेस्टिंग बढ़ाई।
- केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
- उसी के अनुरूप, वैक्सीनेशन केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई।
- फेज़्ड रोलआउट में टीकाकरण की गति तेज़ की गई ताकि मामलों पर नियंत्रण स्थापित हो सके ।
स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी
- AIIMS भोपाल सहित कई बड़े अस्पतालों में RTPCR टेस्टिंग और CT स्कैन क्षमता बढ़ाई गई क्योंकि नए वेरिएंट के कारण RTPCR की संवेदनशीलता में कमी आई है।
- वैक्सीन जेंडर सहित सभी कमजोर समूहों को पहुँचाने के लिए सरकारी पहलू सक्रियतापूर्वक काम कर रहे हैं।
- सरकार ने राज्य स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्राथमिक समुदायों को तत्काल प्राथमिकता दें, जिससे दूर-दराज़ और ग्रामीण क्षेत्रों तक वैक्सीन पहुँच सके।
तुलना: वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति
- 2022 में भारत ने 100 करोड़ COVID-19 डोज़ देने का एक प्रमुख मुकाम हासिल किया था।
- वैश्विक मंच पर भारत को दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाने वाला देश माना गया था—जिसे विश्लेषकों और WHO ने ऐतिहासिक सफलता करार दिया था।
- अब JN.1 और अन्य नए स्ट्रेन को ध्यान में रखते हुए, सरकार और प्रदेश-स्तर पर टीकाकरण फिर से तीव्र गति से चल रहा है—ताकि पहले की लहर की तैयारी किसी तरह छूट न जाए।
महत्वपूर्ण लाभ
उद्देश्य | विवरण |
---|---|
संक्रमण दर में कटौती | नियमित वैक्सीनेशन से नए मामलों के प्रसार को रोका जा सकेगा |
गंभीरता में कमी | बूस्टर डोज हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगा |
स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता | ग्रामीण केंद्रों तक पहुंच के विस्तार से परीक्षण और उपचार तत्काल होगा |
इलाज की क्षमता | जरूरत पड़ने पर अस्पताल और जाँच सुविधाएं तैयार रहेंगी |
निष्कर्ष
- देश में कोरोना के नए मामलों और नए वेरिएंट के सामने, सरकार ने नए प्रारूप में वैक्सीनेशन अभियान को तेज कर दिया है।
- बच्चों से लेकर बुजुर्गों, सभी वर्गों को कोविन के जरिये आसानी से डोज़ मिल रही हैं।
- नाक-भीतरी वैक्सीन (iNCOVACC) के इस्तेमाल से प्रतिरक्षा प्रणाली पहले से अधिक मजबूत हो रही है।
- राज्य सरकारें सावधानियों के साथ मास्किंग और टेस्टिंग को भी बढ़ावा दे रही हैं।
- भारत की टीकाकरण दर में आत्मनिर्भरता पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक बनी हुई है।