क्या है मामला?
सूत्रों के अनुसार, कानपुर के जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में अव्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी ने CMO से स्पष्टीकरण मांगा था। जवाब में CMO ने DM पर कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप और अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया।
दोनों अधिकारियों के बीच यह टकराव उस समय बढ़ गया जब DM ने अचानक निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्थाओं को “असंतोषजनक” बताया और CMO को मौखिक फटकार लगाई। CMO ने इस पर आपत्ति जताते हुए मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है।
CMO की शिकायत के मुख्य बिंदु:
- जिलाधिकारी द्वारा अपमानजनक भाषा का प्रयोग
- अस्पताल निरीक्षण में CMO की भूमिका को नजरअंदाज करना
- कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप और दबाव
DM की ओर से सफाई:
जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि निरीक्षण नियमानुसार था और इसका उद्देश्य केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना था। अधिकारी ने कहा कि “यदि कोई अधिकारी जवाबदेही से बचना चाहता है, तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
शासन ने मांगी रिपोर्ट:
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए लखनऊ से रिपोर्ट तलब की है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करें और आवश्यक कदम उठाएं।
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी ने अपने निलंबन के बाद कानपुर के जिलाधिकारी (DM) जितेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने खुद के दलित होने और जातिगत भेदभाव का जिक्र किया है।
मुख्य बातें:
- जातिगत उत्पीड़न का आरोप: डॉ. हरिदत्त नेमी ने दावा किया है कि DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें “मंदबुद्धि दलित” कहकर अपमानित किया और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर दलित होने के कारण प्रताड़ित किए जाने और न्याय की मांग की है।
- भ्रष्टाचार के आरोप: सीएमओ ने डीएम पर भ्रष्टाचार और वसूली का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डीएम उन पर एक सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड कंपनी को काम देने और बिना सामान के बिल पास करने का दबाव बना रहे थे।
- शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न: नेमी ने यह भी आरोप लगाया कि डीएम ने उन्हें कई बार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने बताया कि भरी मीटिंग में उनके सिर और गर्दन पर पीछे से झटका दिया गया और उनके व्यक्तिगत अंगों में मिर्च भरने की धमकी भी दी गई।
- निलंबन और आगे की कार्रवाई: डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि उनके पास अब कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्ष ने दलित अधिकारी के निलंबन को मुद्दा बनाते हुए सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले को लेकर आंदोलन करने का ऐलान किया है। भाजपा के भीतर भी इस मुद्दे पर मतभेद देखने को मिले हैं, कुछ नेता सीएमओ के पक्ष में तो कुछ डीएम के पक्ष में खड़े हुए हैं।
यह पूरा मामला कानपुर में डीएम और सीएमओ के बीच चल रहे विवाद से जुड़ा है, जिसमें सीएमओ के निलंबन के बाद जातिगत भेदभाव के आरोप ने इसे और गंभीर बना दिया है।
CMO ने DM पर लगाया जातिवाद का आरोप