उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
उत्तरकाशी में बादल फटा, 9 लापता
उत्तरकाशी जिले के सिलाई बैंड क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे एक निर्माणाधीन होटल बह गया।
घटना में दो मजदूर घायल हुए हैं जबकि 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन और रेस्क्यू टीमें मौके पर मौजूद हैं।
चारधाम यात्रा रोकी गई
मौसम विभाग द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किए जाने के बाद चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है।
अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में उफान
रुद्रप्रयाग और केदारनाथ मार्ग पर अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कई घाट जलमग्न हो चुके हैं और नदी किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
प्रभावित जनजीवन
अब तक करीब 40,000 लोग प्रभावित
18 से अधिक सड़कें बंद
कई पुल और छोटे जलप्रवाह क्षतिग्रस्त
शिक्षण संस्थान और बाजार बंद
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने, अनावश्यक यात्रा न करने और सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष निगरानी की जा रही है।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
आईएमडी के अनुसार, अगले 48 घंटों में उत्तराखंड के कई हिस्सों में और अधिक भारी बारिश की संभावना है। रेड अलर्ट की स्थिति बन सकती है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सख्त आवश्यकता है।