- नया सौदा लगभग हो गया
- अमेरिका ने चीन से रेयर अर्थ्स (जैसे मैग्नेट्स) की सप्लाई सुनिश्चित कर ली है। यह सौदा अभी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की अंतिम मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहा है।
- टैरिफ (आयात शुल्क) तय
- अमेरिका अब चीनी आयात पर कुल 55% टैरिफ़ लगाएगा। इसमें अलग-अलग श्रेणियों के लिए विभाजन है: 10% बेस, 20% फेंटेनाइल जैसी संवेदनशील वस्तुओं पर, और 25% पुराने टैरिफ़ के रूप में ।
- चीन अमेरिका के आयात पर सिर्फ 10% टैरिफ़ लगाएगा ।
- पिछले समझौते की पृष्ठभूमि
- मई में जिनेवा में हुई वार्ता में अमेरिका ने टैरिफ़ घटाकर 30% और चीन ने घटाकर 10% करने पर सहमति दी थी।
- लेकिन चीन ने रेयर अर्थ्स के निर्यात पर रोक लगा दी, जिससे अमेरिकी कार और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग प्रभावित हुआ ।
- लंदन मीटिंग में हुआ समझौता
- हाल में लंदन में दोनों देशों की बैठक से रेयर अर्थ्स की निर्यात पाबंदियों को हटाने का सिलसिला शुरू हुआ, जिससे अमेरिकन कंपनियों, जैसे फोर्ड और क्रिसलर को राहत मिली ।
- बैठक के बाद अमेरिका का कहना है कि “जीनेवा समझौते के ढांचे को लागू करना” लंदन समझौता है ।
- इसका असर क्या होगा?
- अमेरिकी उद्योग: कार, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा से जुड़े उद्योगों को रेयर अर्थ्स की नियमित सप्लाई मिल सकती है।
- चीन: उसे अमेरिकी आयात पर सिर्फ 10% टैरिफ़ देने की सहूलियत मिल रही है।
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला: आंशिक रूप से स्थिर हो सकती है, जिससे उत्पादन सूचियों में सुधार की उम्मीद है।
अंत:
- अमेरिका और चीन के बीच “रेयर अर्थ्स + टैरिफ़” विषय पर सहमति पाई गई है।
- अमेरिका को रेयर अर्थ्स मिलेंगे और वह चीन से अधिक शुल्क (55%) वसूल सकेगा।
- चीन अमेरिका से कम शुल्क (10%) वसूल रहा है।
- दोनों देशों के प्रमुखों की अंतिम मंज़ूरी अभी बाकी है।